राम मंदिर, अयोध्या
राम मंदिर, अयोध्या:
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत् |
- प्रमुख मंदिर: राम मंदिर अयोध्या में प्रशिक्षित महात्मा राम को समर्पित है, जो हिन्दू धर्म के एक महत्वपूर्ण आदान-प्रदान अवतार माने जाते हैं।
- इतिहास: राम मंदिर का इतिहास बहुत पुराना है और इससे जुड़े कई किंतुओं और परंपरागत कथाएं हैं। मंदिर की नींव स्थापित करने का श्रेय विशिष्ट व्यक्तियों और संगठनों को दिया जाता है।
- बाबरी मस्जिद: राम मंदिर की स्थल पर 16 वीं सदी में बाबर ने बाबरी मस्जिद की नींव रखी थी, जिससे अयोध्या के मंदिर-मस्जिद विवाद का आरंभ हुआ था।
- राम मंदिर का निर्माण: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, राम मंदिर का निर्माण 2020 में शुरू हुआ था। भव्य राम मंदिर बनाने के लिए योजना बनाई गई है।
- पूजा और आराधना: राम मंदिर में विशेष अवसरों पर हजारों भक्तों की आराधना और पूजा होती है। राम भक्तों के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल है।
- अयोध्या में राम मंदिर एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है और भारतीय सांस्कृतिक और धार्मिक इतिहास का हिस्सा है।
राम, हिन्दू धर्म के एक महत्वपूर्ण अवतार माने जाने वाले देवता हैं। रामायण, जिसे वाल्मीकि ऋषि ने रचा है, वह उनकी कहानी को विस्तृत रूप से बताती है। यह कथा राम के जीवन, उनके पत्नी सीता, उनके भक्त हनुमान, और रावण जैसे प्रमुख चरित्रों के चारित्रिक घटनाओं को शामिल करती है।
यहां कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर आधारित राम के बारे में अधिक जानकारी है:
राम के अवतारण: राम को विष्णु भगवान का सेवक माना जाता है और उन्हें रामायण के आदान-प्रदान अवतारों में एक माना जाता है। उनका अवतारण भगवान विष्णु के द्वारा किया गया था ताकि वे भूमि पर अधर्म का समापन कर सकें।
राम और सीता की कहानी: राम और सीता की कहानी रामायण के मुख्य प्लॉट में है। सीता, राम की पत्नी, को रावण ने किड़नैप कर लिया था, जिसके बाद राम, भक्त हनुमान की सहायता से, उसे लौकिक धरती से मुक्त करने के लिए लंका यात्रा करते हैं।
राम की गुणवत्ता: राम को मर्यादा पुरुषोत्तम (मानवों के श्रेष्ठ पुरुष) कहा जाता है। उन्हें धर्म, सत्य, और नैतिकता के प्रति अपने स्थायिता और प्रेम के लिए प्रमुखता मिली है।
राम नाम: भक्तिमार्गी लोग राम का नाम जाप करते हैं और इसे एक पवित्र मंत्र मानते हैं। राम नाम का जाप भक्ति और आत्मा के शांति के लिए किया जाता है।
रामलीला: रामलीला, जिसे भारत में राम लीला कहा जाता है, रामायण की कथा को अभिनय के माध्यम से प्रस्तुत करने वाले लोकनृत्य और नृत्य रूप हैं।
राम एक आदर्श पुरुष, पति, और राजा के रूप में हिन्दू धर्म में पूजे जाते हैं और उनकी कहानी धर्मिक, नैतिक और सामाजिक मूल्यों को सिखाने वाली है।
इतिहास
प्राचीन एवं मध्यकालीन
राम एक हिंदू देवता हैं जो विष्णु के अवतार माने जाते है। प्राचीन भारतीय महाकाव्य, रामायण के अनुसार, राम का जन्म अयोध्या में हुआ था। [15]
16वीं शताब्दी में, बाबर ने पूरे उत्तर भारत में मंदिरों पर आक्रमण की अपनी श्रृंखला में मंदिर पर हमला किया और उसे नष्ट कर दिया। [16] बाद में, मुगलों ने एक मस्जिद, बाबरी मस्जिद का निर्माण किया, जिसे राम की जन्मभूमि, राम जन्मभूमि का स्थान माना जाता है। [17] मस्जिद का सबसे पहला रिकॉर्ड 1767 में मिलता है, जो जेसुइट मिशनरी जोसेफ टिफेनथेलर द्वारा लिखित लैटिन पुस्तक डिस्क्रिप्टियो इंडिया में मिलता है। उनके अनुसार, मस्जिद का निर्माण रामकोट मंदिर, जिसे अयोध्या में राम का किला माना जाता है, और बेदी, जहां राम का जन्मस्थान है, उसे नष्ट करके किया गया था। [18]
धार्मिक हिंसा की पहली घटना 1853 में दर्ज की गई थी [19] दिसंबर 1858 में, ब्रिटिश प्रशासन ने विवादित स्थल पर हिंदुओं को पूजा (अनुष्ठान) आयोजित करने से प्रतिबंधित कर दिया। मस्जिद के बाहर अनुष्ठान आयोजित करने के लिए एक मंच बनाया गया था।
राम मंदिर निर्माण: राम मंदिर के निर्माण की घड़ी एक महत्वपूर्ण घटना थी और इसे लेकर बहुत से भक्तों और लोगों का उत्साह था। निर्माण कार्य एक महायज्ञ रूप में शुरू किया गया था जिसमें लाखों लोगों ने योगदान किया।
धार्मिक प्रतिष्ठा: राम मंदिर ने अयोध्या को एक धार्मिक प्रतिष्ठान में बदल दिया है। लोग यहां धार्मिक आयोजनों, संस्कृति के कार्यक्रमों और आध्यात्मिक सत्रों के लिए यात्रा करते हैं।
आयोध्या का पर्यटन: राम मंदिर ने अयोध्या को एक पर्यटन स्थल भी बना दिया है। लोग यहां आते हैं ताकि वे न केवल मंदिर की दर्शन कर सकें बल्कि शहर की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों का भी आनंद ले सकें।
समर्थन और विरोध: राम मंदिर के निर्माण के लिए समर्थन और विरोध दोनों हुए हैं। समर्थन वाले लोग इसे भारतीय संस्कृति और धर्म के साथ जोड़ते हैं, जबकि विरोधी इसे सियासी और सामाजिक विवाद का हिस्सा मानते हैं।
राम मंदिर एक बड़े ऐतिहासिक और धार्मिक महत्वपूर्ण स्थल है जिसने भारतीय समाज में गहरा प्रभाव डाला है।
आधुनिक युग
22-23 दिसंबर 1949 की रात को बाबरी मस्जिद के अंदर राम और सीता की मुर्तियाँ स्थापित की गईं और अगले दिन से भक्त इकट्ठा होने लगे। [21] [22] 1950 तक, राज्य ने सीआरपीसी की धारा 145 के तहत मस्जिद पर नियंत्रण कर लिया और मुसलमानों को नहीं, बल्कि हिंदुओं को उस स्थान पर पूजा करने की अनुमति दी। [23]
1980 के दशक में, हिंदू राष्ट्रवादी परिवार, संघ परिवार से संबंधित विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने हिंदुओं के लिए इस स्थान को पुनः प्राप्त करने और इस स्थान पर शिशु राम (राम लल्ला) को समर्पित एक मंदिर बनाने के लिए एक नया आंदोलन शुरू किया। विहिप ने "जय श्री राम" लिखी ईंटें और धन इकट्ठा करना शुरू कर दिया। बाद में, प्रधान मंत्री राजीव गांधी के नेतृत्व वाली सरकार ने विहिप को शिलान्यास के लिए आगे बढ़ने की अनुमति दी, तत्कालीन गृह मंत्री बूटा सिंह ने औपचारिक रूप से विहिप नेता अशोक सिंघल को अनुमति दी। प्रारंभ में, भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार इस बात पर सहमत हुई थी कि शिलान्यास विवादित स्थल के बाहर किया जाएगा। हालाँकि, 9 नवंबर 1989 को, वीएचपी नेताओं और साधुओं के एक समूह ने विवादित भूमि के बगल में 200-लीटर (7-क्यूबिक-फुट) गड्ढा खोदकर आधारशिला रखी। वहीं गर्भगृह का सिंहद्वार बनवाया गया।[24] इसके बाद विहिप ने विवादित मस्जिद से सटी जमीन पर एक मंदिर की नींव रखी। 6 दिसंबर 1992 को, वीएचपी और भारतीय जनता पार्टी ने इस स्थल पर 150,000 स्वयंसेवकों को शामिल करते हुए एक रैली का आयोजन किया, जिन्हें करसेवकों के रूप में जाना जाता था। रैली हिंसक हो गई, भीड़ सुरक्षा बलों पर हावी हो गई और मस्जिद को तोड़ दिया।
आधुनिक युग
22-23 दिसंबर 1949 की रात को बाबरी मस्जिद के अंदर राम और सीता की मुर्तियाँ स्थापित की गईं और अगले दिन से भक्त इकट्ठा होने लगे। [21] [22] 1950 तक, राज्य ने सीआरपीसी की धारा 145 के तहत मस्जिद पर नियंत्रण कर लिया और मुसलमानों को नहीं, बल्कि हिंदुओं को उस स्थान पर पूजा करने की अनुमति दी। [23]
1980 के दशक में, हिंदू राष्ट्रवादी परिवार, संघ परिवार से संबंधित विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने हिंदुओं के लिए इस स्थान को पुनः प्राप्त करने और इस स्थान पर शिशु राम (राम लल्ला) को समर्पित एक मंदिर बनाने के लिए एक नया आंदोलन शुरू किया। विहिप ने "जय श्री राम" लिखी ईंटें और धन इकट्ठा करना शुरू कर दिया। बाद में, प्रधान मंत्री राजीव गांधी के नेतृत्व वाली सरकार ने विहिप को शिलान्यास के लिए आगे बढ़ने की अनुमति दी, तत्कालीन गृह मंत्री बूटा सिंह ने औपचारिक रूप से विहिप नेता अशोक सिंघल को अनुमति दी। प्रारंभ में, भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार इस बात पर सहमत हुई थी कि शिलान्यास विवादित स्थल के बाहर किया जाएगा। हालाँकि, 9 नवंबर 1989 को, वीएचपी नेताओं और साधुओं के एक समूह ने विवादित भूमि के बगल में 200-लीटर (7-क्यूबिक-फुट) गड्ढा खोदकर आधारशिला रखी। वहीं गर्भगृह का सिंहद्वार बनवाया गया।[24] इसके बाद विहिप ने विवादित मस्जिद से सटी जमीन पर एक मंदिर की नींव रखी। 6 दिसंबर 1992 को, वीएचपी और भारतीय जनता पार्टी ने इस स्थल पर 150,000 स्वयंसेवकों को शामिल करते हुए एक रैली का आयोजन किया, जिन्हें करसेवकों के रूप में जाना जाता था। रैली हिंसक हो गई, भीड़ सुरक्षा बलों पर हावी हो गई और मस्जिद को तोड़ दिया।
1. राम मंदिर, जिसे अयोध्या में स्थापित किया गया है, हिंदू धर्म का महत्वपूर्ण स्थल है। यह गाइड आपको इस मंदिर के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है।
2. चाहें आप यहां पर यात्रा करने का संकल्प बना रहे हों, या इसकी महिमा के बारे में और जानना चाहें, यह मंदिर आपकी रुचि को पूरा करेगा। इस मेटा विवरण में आपको प्रमुख यात्रा के विवरण और मंदिर की गहराई के बारे में संक्षेप में जानकारी मिलेगी।
3. राम मंदिर, अयोध्या एक प्रमुख धार्मिक स्थान है जहां दर्शकों को हिंदू धर्म और इसकी महत्वपूर्णता के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त होती है। यह मेटा विवरण शॉर्टलिस्ट में यह बताने के लिए है कि इस मंदिर में क्या-क्या है और कैसे वह उपयोगी हो सकता है।
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